चाहे आँसू प्यार में आखों से गले लगे...
या नफ़रत में रुट जाए....
उतर आते हैं बेबक से...
और चूम लेते हैं मेरे रूस्कार को, ये प्यार की आँसू...
अंजाने मे सब उसे रोना ही कहेंगे....
क्या बताऊ, और कैसे बताऊ...
इन आसुओं का सबब किस किस को समझाऊ....
आसुओं में भी कई तरह है जो मैने जाना
तेरे प्यार में....
- Ravi(R)
1 comments:
nice one buddy,. didn't know u had this angle in you....
Post a Comment