गनपति














" द्स फूट के ये गनपति.....
" बनि द्स दिन से अप्ने साथि.....
" नजाने क्यो है इस के रूप जैसे हाथि...
" मगर आज छोड के जारे मेरे दोस्थि.........


--RAVI(R) 2004


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